आज हम बात करेंगे Indian premier leauge के उद्भव के बारे में | जो आज इंडिया में हर एक क्रिकेट प्रेमी के लिए एक परिचित नाम है | IPL के उद्भव होने से पहले, 2007 में भारत में और एक क्रिकेट लीग की शुरुआत हो चुकी थी | जो कि पूरे वर्ल्ड में काफी प्रसिद्ध था वह है Indian Cricket leauge | जिसके फाउंडर थे Zee entertainment Enterprises. Zee के पेरेंट कंपनी है डॉक्टर सुभाष चंद्रा द्वारा संस्थापित SL group.
यह उस समय की बात है जब Zee Sports को BCCI द्वारा आयोजित क्रिकेट matchs के brodcast की rights नहीं मिल रही थी | इस वजह से Zee और BCCI के बीच काफी टकरारे आई थी, और सुभाष चंद्र को मुंबई हाई कोर्ट का दरवाजा काफी बार खटखटाना पड़ा था |
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2007 में सुभाष चंद्रा ने भारत में क्रिकेट टैलेंट को बढ़ावा देने के उद्देश्य से Indian Cricket leauge का संस्थापन के लिए फंड प्रोवाइड करी | लेकिन BCCI और Zee के बीच तकरार के वजह से ICL को BCCI से सपोर्ट नहीं मिली | और ICL में join करने वाले प्लेयर्स के ऊपर BCCI ने लाइफटाइम bane लगा दिए | ललित मोदी, जो कि उस समय एक बिजनेसमैन और क्रिकेट एग्जिक्यूटिव थे उन्हें BCCI के तरफ से नियुक्त किया गया एक नया लीग निर्माण करने के लिए जो कि ICL को टक्कर दे सके | और 2008 के स्टार्टिंग में ही Indian premier leauge की स्थापना किया गया और उसके बाद IPL सफलता की ऊंचाइयों को छूता चला गया | तो दोस्तों अब देखते हैं Indian Cricket leauge पहला जो कि भारत में स्टार्ट हुआ था उसका क्या असर हुआ? पहले तो ISL को economical shortage झेलनी पड़ी उसके बाद BCCI और इंटरनेशनल क्रिकेट काउंसिल के तरफ से भी इस को नकारा गया | ऐसे आनस्टेबिलिटी के कारण 2009 में ICL को बंद करना पड़ा | Indian premier leauge जो कि एक rebel लीग की तरह स्टार्ट हुआ था इसी फॉरमेट बनाई गई England Premier Leauge और USA के National Basketball Leauge की तरह | 2008 जनवरी में IPL के फ्रेंचाइजियों को चुनने के लिए auctions किया गया | और उसके आधार पर 8 टीमों को फ्रेंचाइज मिली जो कि इंडिया के 8 शहरों को रिप्रजेंट किए | क्योंकि 2007 के T20 world cup में भारत की ऐतिहासिक विजय के बाद भारत के क्रिकेट फैंस को t20 फॉर्मेट अच्छी लगने लगी थी और t20 क्रिकेट में अपना कैरियर बनाने के लिए काफी सारे दिग्गज खिलाड़ी IPL के माध्यम से उधर के आए | 2008 के IPL के शुरुआती टूर्नामेंट में शेन वॉर्न के नेतृत्व में राजस्थान रॉयल्स के आश्चर्यजनक जीत हुई | उसके बाद और भी इंटरनेशनल प्लेयर्स का IPL में भरी आगमन हुआ | शुरुआती दौर में पाकिस्तान के प्लेयर्स भी IPL में हिस्सा लिए थे | पर 2008 के मुंबई में 26/11 अटैक के बाद पाकिस्तान के खिलाड़ियों पर IPL में शुरुआती बैन लगाया गया था | 2010 के IPL सीजन में पाकिस्तानी खिलाड़ियों ने auction में हिस्सा तो लिए थे लेकिन कोई भी फ्रेंचाइजी उनके लिए नहीं बीड ना करें इसके पीछे भी वहीं था, इंडिया पाकिस्तान के बीच तकरार होने की वजह से पाकिस्तानी प्लेयर्सके उपलब्ध ना होने का डर था | जिसके वजह से फ्रेंचाइजियों को loss होने का खतरा था | तो दोस्तों हम सब को यह अच्छी तरह पता है कि पॉलिटिक्स डिप्लोमेसी हमेशा भारत पाकके क्रिकेट रिलेशन को प्रभावित करती आई है | दोस्तों अभी के दिनों में IPL को भारत के लिए एक गृहलक्ष्मी का संकेत माना जा रहा है | एक BCCI के Data के मुताबिक IPL ने सिर्फ 2015 के सीजन में ही भारत की इकोनॉमी में 11.5 बिलियन रुपए की बढ़ोतरी करी थी | अगर ऐसे ही IPL से जुड़ी कोई भी करप्शन या फिर मैच फिक्सिंग ना रहे तो आगे चलकर यह भारत के लिए और भी फ़ायदेमंद होगी इसमें कोई शक नहीं |
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2007 में सुभाष चंद्रा ने भारत में क्रिकेट टैलेंट को बढ़ावा देने के उद्देश्य से Indian Cricket leauge का संस्थापन के लिए फंड प्रोवाइड करी | लेकिन BCCI और Zee के बीच तकरार के वजह से ICL को BCCI से सपोर्ट नहीं मिली | और ICL में join करने वाले प्लेयर्स के ऊपर BCCI ने लाइफटाइम bane लगा दिए | ललित मोदी, जो कि उस समय एक बिजनेसमैन और क्रिकेट एग्जिक्यूटिव थे उन्हें BCCI के तरफ से नियुक्त किया गया एक नया लीग निर्माण करने के लिए जो कि ICL को टक्कर दे सके | और 2008 के स्टार्टिंग में ही Indian premier leauge की स्थापना किया गया और उसके बाद IPL सफलता की ऊंचाइयों को छूता चला गया | तो दोस्तों अब देखते हैं Indian Cricket leauge पहला जो कि भारत में स्टार्ट हुआ था उसका क्या असर हुआ? पहले तो ISL को economical shortage झेलनी पड़ी उसके बाद BCCI और इंटरनेशनल क्रिकेट काउंसिल के तरफ से भी इस को नकारा गया | ऐसे आनस्टेबिलिटी के कारण 2009 में ICL को बंद करना पड़ा | Indian premier leauge जो कि एक rebel लीग की तरह स्टार्ट हुआ था इसी फॉरमेट बनाई गई England Premier Leauge और USA के National Basketball Leauge की तरह | 2008 जनवरी में IPL के फ्रेंचाइजियों को चुनने के लिए auctions किया गया | और उसके आधार पर 8 टीमों को फ्रेंचाइज मिली जो कि इंडिया के 8 शहरों को रिप्रजेंट किए | क्योंकि 2007 के T20 world cup में भारत की ऐतिहासिक विजय के बाद भारत के क्रिकेट फैंस को t20 फॉर्मेट अच्छी लगने लगी थी और t20 क्रिकेट में अपना कैरियर बनाने के लिए काफी सारे दिग्गज खिलाड़ी IPL के माध्यम से उधर के आए | 2008 के IPL के शुरुआती टूर्नामेंट में शेन वॉर्न के नेतृत्व में राजस्थान रॉयल्स के आश्चर्यजनक जीत हुई | उसके बाद और भी इंटरनेशनल प्लेयर्स का IPL में भरी आगमन हुआ | शुरुआती दौर में पाकिस्तान के प्लेयर्स भी IPL में हिस्सा लिए थे | पर 2008 के मुंबई में 26/11 अटैक के बाद पाकिस्तान के खिलाड़ियों पर IPL में शुरुआती बैन लगाया गया था | 2010 के IPL सीजन में पाकिस्तानी खिलाड़ियों ने auction में हिस्सा तो लिए थे लेकिन कोई भी फ्रेंचाइजी उनके लिए नहीं बीड ना करें इसके पीछे भी वहीं था, इंडिया पाकिस्तान के बीच तकरार होने की वजह से पाकिस्तानी प्लेयर्सके उपलब्ध ना होने का डर था | जिसके वजह से फ्रेंचाइजियों को loss होने का खतरा था | तो दोस्तों हम सब को यह अच्छी तरह पता है कि पॉलिटिक्स डिप्लोमेसी हमेशा भारत पाकके क्रिकेट रिलेशन को प्रभावित करती आई है | दोस्तों अभी के दिनों में IPL को भारत के लिए एक गृहलक्ष्मी का संकेत माना जा रहा है | एक BCCI के Data के मुताबिक IPL ने सिर्फ 2015 के सीजन में ही भारत की इकोनॉमी में 11.5 बिलियन रुपए की बढ़ोतरी करी थी | अगर ऐसे ही IPL से जुड़ी कोई भी करप्शन या फिर मैच फिक्सिंग ना रहे तो आगे चलकर यह भारत के लिए और भी फ़ायदेमंद होगी इसमें कोई शक नहीं |
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